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दिवाली फराळ का पहला स्वाद – चकली (Chakli Recipe in Hindi)

दिवाली का त्योहार केवल दीयों और पटाखों का नहीं, बल्कि घर-घर में बनने वाली स्वादिष्ट फराळ का भी होता है। और जब बात फराळ की आती है, तो चकली या चकरी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। गोल-गोल घूमती, खस्ता और मसालेदार चकली हर घर की शान होती है। यह स्नैक न केवल दिवाली में बल्कि साल भर चाय के साथ भी पसंद किया जाता है।

चकली क्या है?

चकली एक पारंपरिक भारतीय स्नैक है जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और दक्षिण भारत में बनाया जाता है। इसे अंग्रेज़ी में “Spiral Murukku” भी कहा जाता है। यह बेसन, चावल का आटा, उड़द दाल का आटा या गेहूं के आटे के मिश्रण से बनाई जाती है। गोल आकार देने के लिए एक खास उपकरण “चकली प्रेस” का उपयोग किया जाता है।

चकली बनाने की सामग्री (Ingredients)

  • चावल का आटा – 2 कप
  • भुना हुआ बेसन – 1 कप
  • उड़द दाल का आटा – ½ कप
  • जीरा – 1 छोटा चम्मच
  • तिल – 1 छोटा चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच (स्वादानुसार)
  • हींग – एक चुटकी
  • नमक – स्वादानुसार
  • घी या तेल – 2 बड़े चम्मच (मोयन के लिए)
  • गर्म पानी – आटा गूंथने के लिए
  • तलने के लिए तेल – आवश्यकतानुसार

चकली बनाने की विधि (Step by Step Recipe)

  1. आटा तैयार करें: एक बड़े बर्तन में चावल का आटा, बेसन, उड़द दाल का आटा, जीरा, तिल, नमक, हींग और लाल मिर्च पाउडर मिलाएं। उसमें गर्म तेल या घी डालें और हाथों से अच्छी तरह मिक्स करें। जब आप आटा हाथ में दबाएं और वह थोड़ा बंधने लगे, तो समझें मोयन सही है।
  2. गूंथना: अब थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी डालकर मुलायम लेकिन सख्त आटा गूंथ लें। आटा बहुत नरम नहीं होना चाहिए, वरना चकली अपना आकार खो देगी।
  3. चकली प्रेस में भरना: तैयार आटे को चकली प्रेस में डालें। यदि आपके पास धातु की पारंपरिक प्रेस है, तो गोल नोज़ल वाला हिस्सा लगाएँ।
  4. आकार देना: एक साफ और सूखे प्लास्टिक शीट या बटर पेपर पर गोल-गोल चकली बनाएं। प्रत्येक चकली को समान आकार में बनाएं ताकि तलते समय समान रूप से पके।
  5. तलना: कड़ाही में तेल गर्म करें। तेल पर्याप्त गर्म होना चाहिए (लगभग 170°C)। अब एक-एक करके चकली डालें और मध्यम आंच पर सुनहरी भूरी होने तक तलें। बहुत तेज़ आंच पर तलने से बाहरी हिस्सा जल सकता है और अंदर कच्चा रह सकता है।
  6. निकालना: जब चकली सुनहरी और खस्ता हो जाए, तो उसे निकालकर पेपर टॉवल पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।

सर्व करने के तरीके

चकली को ठंडा होने के बाद एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें। यह 2 से 3 हफ्तों तक ताज़ी रहती है। इसे चाय, कॉफी या अन्य फराळ आइटम्स के साथ परोसा जा सकता है। बच्चों के टिफिन में भी यह एक बेहतरीन स्नैक है।

चकली बनाने के उपयोगी टिप्स (Pro Tips)

  • आटा गूंथने के तुरंत बाद चकली बना लें, नहीं तो आटा सख्त हो सकता है।
  • अगर चकली टूट रही हो, तो थोड़ा पानी डालकर आटा फिर से मुलायम करें।
  • अगर चकली तेल में फट रही हो, तो इसका मतलब है कि आटा बहुत नरम है—थोड़ा सूखा आटा मिलाएं।
  • तेल की तापमान जाँचने के लिए एक छोटा टुकड़ा डालें — यदि वह धीरे-धीरे ऊपर आता है, तो तापमान सही है।

स्वाद में विविधता (Variations)

आप चाहें तो चकली में अजवाइन, लहसुन पाउडर या काली मिर्च पाउडर मिलाकर इसे अलग फ्लेवर दे सकते हैं। कुछ लोग नारियल पाउडर भी डालते हैं जिससे चकली में हल्की मिठास आती है।

चकली का सांस्कृतिक महत्व

चकली महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में दिवाली फराळ का अभिन्न हिस्सा है। माना जाता है कि गोल आकार समृद्धि और एकता का प्रतीक है। पुराने जमाने में महिलाएँ मोहल्लों में मिलकर सामूहिक रूप से चकली बनाती थीं — यह त्योहार की एक पारिवारिक गतिविधि बन जाती थी।

पोषण जानकारी (Nutrition Information)

  • कैलोरी (प्रति 2 चकली): लगभग 150 kcal
  • कार्बोहाइड्रेट: 12 ग्राम
  • फैट: 8 ग्राम
  • प्रोटीन: 3 ग्राम

स्टोरेज और प्रेज़ेंटेशन

चकली को ठंडा होने के बाद तुरंत एयरटाइट कंटेनर में रखें। नमी से बचाएं ताकि क्रंच बरकरार रहे। अगर आप गिफ्ट पैक बनाना चाहें तो पारदर्शी डिब्बों में रखकर रंगीन रिबन से सजाएं — यह एक प्यारा दिवाली गिफ्ट बन जाता है।

निष्कर्ष

दिवाली फराळ की शुरुआत चकली से करना शुभ माना जाता है। इसकी खुशबू, खस्ता बनावट और मसालेदार स्वाद हर घर में त्योहार की रौनक बढ़ा देते हैं। सही माप, सही तापमान और प्यार से बनाई गई चकली न केवल स्वादिष्ट बल्कि यादगार भी होती है। अगली रेसिपी में हम बनाएंगे करंजी — दिवाली की मीठी मिठास से भरी पारंपरिक मिठाई।

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