file 0000000042e461f9a74ec713a1ca7f4f.png

सितंबर 2025 — महाराष्ट्र में भीषण बाढ़: कितने हेक्टेयरपर नुकसान हुआ, जनजाति/जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़े और कितने जिले प्रभावित हुए?

सितंबर 2025 — महाराष्ट्र में भीषण बाढ़: कितने हेक्टेयर पर नुकसान हुआ, जनजाति/जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़े और कितने जिले प्रभावित हुए?

सितंबर 2025 के अंतिम सप्ताह में महाराष्ट्र में असाधारण रूप से भारी वर्षा और डैम-निर्गमन के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। इस ब्लॉग में हम सबसे ताज़ा रिपोर्ट्स के आधार पर विस्तार से जानेंगे — कितनी कृषि भूमि प्रभावित हुई, जन-जीवन पर क्या सामाजिक-आर्थिक परिणाम हुए, और किन जिलों को सबसे अधिक नुकसान पहुँचा।

1. कितने जिले प्रभावित हुए?

सरकारी और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बादल-झोंके और डैम-निर्गमन की घटना से लगभग 30 जिले प्रभावित हुए हैं — जिसमें मराठवाड़ा, विदर्भ और दक्षिण महाराष्ट्र के कई हिस्से शामिल हैं।

2. कितनी कृषि भूमि (हेक्टेयर / एकड़) प्रभावित हुई?

फसल-क्षति के आंकड़े रिपोर्टों में भिन्नता के साथ आ रहे हैं, पर उपलब्ध प्रमुख आंकड़े यह हैं:

  • कुछ रिपोर्टों के अनुसार कुल मिलाकर कई लाख हेक्टेयर (लाखों एकड़) कृषि भूमि प्रभावित हुई — विभिन्न रिपोर्टें 20 लाख एकड़ (≈8.1 लाख हेक्टेयर) से लेकर 70 लाख एकड़ (≈28.3 लाख हेक्टेयर) तक के अनुमान देती हैं।
  • Nanded जिला विशेष रूप से नुकसान में सबसे आगे है — रिपोर्टों में वहाँ लगभग 7+ लाख एकड़ फसल प्रभावित बताई जा रही हैं। Washim और अन्य जिलों में भी लाखों एकड़ के आंकड़े रिपोर्ट हुए हैं।
  • सोलापुर और आसपास के कई इलाकों में कुल मिलाकर 3.5 लाख हेक्टेयर फसल डूब चुकी हैं और 3.6 लाख किसान प्रभावित हुए हैं।

नोट: फसल-क्षति का सटीक आँकलन जिला-वार ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी के माध्यम से चल रहा है; अलग-अलग समय पर अलग-अलग एजेंसियों के आंकड़े प्रकाशित हो रहे हैं।

3. जन-जीवन पर प्रभाव — मौतें, विस्थापन और राहत

  • मृत्यु और चोटें: अनुमानित 7–8 लोगों की मौत हुई।
  • विस्थापन और बचाव: सोलापुर में ही हजारों लोग राहत शिविरों में गए — उदाहरण के लिए 4,002 लोगों को बचाया गया और ≈6,500 लोग राहत शिविरों में रहे। कुल मिलाकर लाखों लोग प्रभावित या पलायित हुए।
  • पशुधन और गाँवों को नुकसान: पशुओं की मौत और सैकड़ों गाँवों के जलमग्न होने का जिक्र है — जिससे आजीविका प्रभावित हुई और बीमारी का खतरा बढ़ा।

4. किस जिले को कितना नुकसान पहुँचा? (मुख्य प्रभावित जिले)

  • Nanded: सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक — लाखों एकड़ फसल प्रभावित।
  • Washim: बड़ी संख्या में फसल प्रभावित।
  • Solapur: हजारों परिवार विस्थापित हुए, हजारों किसानों की फसलें नष्ट हुईं।
  • Dharashiv, Yavatmal, Beed, Parbhani, Hingoli, Jalna, Sangli, Kolhapur: गंभीर प्रभाव, नदी-उफान और बाँध से पानी छोड़े जाने के कारण।

5. सरकारी राहत और आर्थिक पैकेज

महाराष्ट्र सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए ≈₹2,215 करोड़ के राहत पैकेज की मंजूरी दी। यह पैकेज सीधे प्रभावित किसानों के खाते में मदद भेजने के रूप में लागू किया जाएगा।

6. मौसम, चेतावनियाँ और आगे की स्थिति

IMD ने 26–30 सितंबर और उसके बाद के दिनों के लिए महाराष्ट्र के कई भागों (Konkan, Madhya Maharashtra, Marathwada आदि) में भारी/अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई स्थानों पर रेड/ऑरेंज अलर्ट हैं। नागरिकों को आधिकारिक चेतावनियों पर ध्यान देने का आग्रह किया गया है।

7. क्या करना चाहिए — सुझाव / स्थानीय तैयारी

  • राहत शिविरों और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  • किसान प्रभावित फसलों का फोटो/ड्रोन-इमेज/प्रमाण जमा करें ताकि मुआवजा मिल सके।
  • घर के पास बुनियादी दवाइयां, पीने का पानी और खाद्य सामग्री रखें।
  • डैम-निकासी / नदी किनारे अतिक्रमण जैसी समस्याओं पर स्थानिय प्रशासन से संवाद रखें।

निष्कर्ष

सितंबर 2025 की भारी बारिश/बाढ़ ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों में व्यापक और गहरा प्रभाव छोड़ा — लाखों एकड़ फसल प्रभावित हुई, दर्जनों जिलों में जन-जीवन बाधित हुआ और कई परिवार विस्थापित हुए। प्रभावित आंकड़े अपडेट हो रहे हैं। सरकार की राहत और मुआवजा घोषणाएँ हुई हैं, पर प्रभावित लोगों को तात्कालिक राहत और दीर्घकालिक पुनर्वास की आवश्यकता होगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *