इथेनॉल मिश्रण क्या है?
पेट्रोल में इथेनॉल (Ethanol) मिलाकर एक वैकल्पिक ईंधन बनाया जाता है।
भारत सरकार ने 2025 तक E20 यानी 20% इथेनॉल + 80% पेट्रोल का लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की है।
इथेनॉल गन्ना, मक्का और अन्य अनाज से बनाया जाता है और यह पारंपरिक पेट्रोल की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहतर माना जाता है।
भारत में वर्तमान स्थिति
- राष्ट्रीय औसत: ~20% (E20)
- कुछ राज्यों में 20% पूरा हो चुका है, वहीं कुछ जगहों पर अभी 12–15% मिश्रण है।
- जहाँ गन्ना और अनाज उत्पादन ज्यादा है, वहाँ blending दर भी ज्यादा है।
E20 पेट्रोल के फायदे
- ईंधन आयात कम: भारत का विदेशी तेल पर निर्भरता घटती है।
- पर्यावरण अनुकूल: इथेनॉल से CO₂ और प्रदूषक उत्सर्जन कम होता है।
- किसानों को लाभ: गन्ना, मक्का व अनाज बेचकर अतिरिक्त आमदनी।
- ऊर्जा सुरक्षा: पेट्रोल पर पूरी तरह निर्भरता नहीं रहती।
E20 पेट्रोल के नुकसान
- माइलेज कम: लगभग 5–7% तक माइलेज घट सकता है क्योंकि इथेनॉल की ऊर्जा घनता कम है।
- पुराने वाहन: 2017 से पहले बने कई वाहन E20 compatible नहीं हैं, जिससे इंजन व पार्ट्स पर असर पड़ सकता है।
- स्टार्टिंग समस्या: ठंडे मौसम में वाहन स्टार्ट होने में दिक्कत आ सकती है।
- भंडारण समस्या: इथेनॉल नमी सोखता है, लंबे समय तक टैंक में रखने पर ईंधन की गुणवत्ता घट सकती है।
वाहनों पर असर
2023 के बाद लॉन्च हुए अधिकतर नए वाहन E20 compatible हैं।
लेकिन पुराने वाहनों (विशेषकर दोपहिया और कारें) में gasket, seals, fuel pipe और इंजन पर असर हो सकता है।
सुझाव
- नया वाहन खरीदते समय E20 compatibility जरूर जाँचें।
- पुराने वाहन वालों को मैकेनिक या निर्माता से सलाह लेकर ही E20 का प्रयोग करना चाहिए।
- यदि लंबे समय तक वाहन उपयोग में नहीं है, तो टैंक खाली रखें या fuel stabilizer का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
E20 भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के लिहाज से फायदेमंद है।
किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
लेकिन पुराने वाहनों के लिए यह चुनौतियाँ पैदा कर सकता है।
इसलिए वाहन खरीदने और उपयोग करने से पहले उसकी E20 compatibility जरूर जाँचें।
क्या आपका वाहन E20 compatible है? नीचे कमेंट में हमें बताइए।