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स्टार्टअप इंडिया योजना

भारत एक तेजी से विकसित हो रहा देश है, जहां युवाओं में नवाचार और उद्यमिता की भावना लगातार बढ़ रही है। इसी को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की। यह योजना देश के युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और उसे बढ़ाने के लिए आवश्यक सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराती है।

योजना की शुरुआत

स्टार्टअप इंडिया योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2016 को की थी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना और देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। यह पहल “नवाचार आधारित आर्थिक विकास” को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

स्टार्टअप इंडिया योजना के उद्देश्य

  • उद्यमिता को बढ़ावा देना: युवाओं को नौकरी ढूँढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना।
  • नवाचार को प्रोत्साहन: नए-नए विचारों और तकनीकों को स्टार्टअप्स के माध्यम से आगे बढ़ाना।
  • रोजगार सृजन: लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।
  • वित्तीय सहयोग: स्टार्टअप्स को ऋण, निवेश और पूंजी उपलब्ध कराना।
  • वैश्विक पहचान: भारत को दुनिया में स्टार्टअप हब बनाना।

योजना के प्रमुख लाभ

स्टार्टअप इंडिया योजना के अंतर्गत उद्यमियों और स्टार्टअप कंपनियों को कई प्रकार की सुविधाएँ और लाभ दिए जाते हैं:

  1. कर में छूट: मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को तीन साल तक आयकर में छूट दी जाती है।
  2. फंडिंग सहायता: सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को 10,000 करोड़ रुपये का फंड ऑफ फंड्स (Fund of Funds) उपलब्ध कराया गया।
  3. सरकारी टेंडर में प्राथमिकता: स्टार्टअप्स को सरकारी प्रोजेक्ट्स और टेंडर्स में प्राथमिकता मिलती है।
  4. पेटेंट पंजीकरण में छूट: पेटेंट और ट्रेडमार्क पंजीकरण में छूट और सरल प्रक्रिया।
  5. सिंगल विंडो क्लीयरेंस: स्टार्टअप्स को रजिस्ट्रेशन और अन्य अनुमोदनों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।

स्टार्टअप इंडिया का पंजीकरण कैसे करें?

स्टार्टअप इंडिया योजना का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप्स को पंजीकरण करना होता है:

  • स्टार्टअप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  • स्टार्टअप प्रोफाइल बनाकर आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें (पैन, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र आदि)।
  • पंजीकरण के बाद स्टार्टअप को DIPP (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) से मान्यता मिलती है।

योजना के तहत पात्रता

स्टार्टअप इंडिया योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें होती हैं:

  • स्टार्टअप की उम्र 10 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से कम होना चाहिए।
  • कंपनी एक प्राइवेट लिमिटेड, पार्टनरशिप या LLP के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए।
  • स्टार्टअप का उद्देश्य नवाचार या नए उत्पाद/सेवा पर आधारित होना चाहिए।

योजना के प्रभाव

स्टार्टअप इंडिया योजना के लागू होने के बाद भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम ने तेजी से विकास किया है:

  • 2024 तक भारत में 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।
  • भारत स्टार्टअप्स की संख्या में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिले।
  • देश में यूनिकॉर्न कंपनियों (1 अरब डॉलर मूल्य वाली कंपनियाँ) की संख्या लगातार बढ़ रही है।

निष्कर्ष

स्टार्टअप इंडिया योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है। यह योजना भारत को वैश्विक स्तर पर एक स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आने वाले वर्षों में यह योजना लाखों युवाओं के सपनों को पंख देने का कार्य करेगी।

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