प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत 2016 में गरीब परिवारों की महिलाओं को धुआँ-रहित रसोई प्रदान करने के उद्देश्य से हुई थी। पहले चरण में करोड़ों परिवारों को LPG कनेक्शन वितरित किए गए। इस सफलता के बाद सरकार ने उज्ज्वला योजना का दूसरा चरण (PMUY 2.0) शुरू किया, ताकि अधिक से अधिक गरीब और जरूरतमंद परिवारों को स्वच्छ ईंधन तक पहुँच मिल सके।
उज्ज्वला योजना – दूसरा चरण कब शुरू हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश से उज्ज्वला योजना 2.0 का शुभारंभ किया। इस चरण में विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों और उन परिवारों को लक्षित किया गया जिन्हें पहले चरण में कनेक्शन नहीं मिल पाया था।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन उपलब्ध कराना।
- प्रवासी मजदूरों को आसानी से गैस कनेक्शन दिलाना, जिनके पास स्थायी पता प्रमाण नहीं है।
- महिलाओं और बच्चों को धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाना।
- पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत अभियान को गति देना।
उज्ज्वला योजना 2.0 की विशेषताएँ
- मुफ्त गैस कनेक्शन: लाभार्थियों को बिना किसी शुल्क के नया LPG कनेक्शन मिलता है।
- पहली गैस सिलेंडर और चूल्हा मुफ्त: नए कनेक्शन के साथ एक गैस स्टोव और पहला रिफिल मुफ्त दिया जाता है।
- कागजी प्रक्रिया सरल: बहुत कम दस्तावेज़ों के साथ आवेदन संभव।
- पता प्रमाण में लचीलापन: प्रवासी श्रमिकों को स्वयं-घोषणा पत्र (self-declaration) देकर कनेक्शन मिल सकता है।
कौन पात्र है? (Eligibility)
- गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार।
- प्रवासी मजदूर जो किसी स्थायी पते का प्रमाण नहीं दिखा पाते।
- SECC (Socio Economic Caste Census) 2011 में सूचीबद्ध परिवार।
- आवेदक महिला होनी चाहिए और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड या पहचान पत्र
- बैंक खाता संख्या और IFSC कोड
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
- स्वयं घोषणा पत्र (प्रवासी श्रमिकों के लिए)
आवेदन प्रक्रिया (Step-by-Step)
- ऑनलाइन पंजीकरण: आधिकारिक पोर्टल pmuy.gov.in पर जाएं।
- आवेदन फॉर्म भरें: जरूरी जानकारी और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- जाँच और स्वीकृति: जमा किए गए दस्तावेज़ों की जांच होगी और पात्रता के अनुसार स्वीकृति मिलेगी।
- LPG वितरक से संपर्क: निकटतम गैस एजेंसी लाभार्थी को कनेक्शन, चूल्हा और सिलेंडर उपलब्ध कराएगी।
उज्ज्वला योजना 2.0 के लाभ
- महिलाओं को धुएँ से छुटकारा मिला और स्वास्थ्य बेहतर हुआ।
- परिवारों को मुफ्त गैस स्टोव और पहला सिलेंडर मिला जिससे आर्थिक बोझ कम हुआ।
- ग्रामीण क्षेत्रों में LPG का उपयोग बढ़ा और स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ा।
- पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई।
योजना का प्रभाव
उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण ने करोड़ों नए परिवारों को स्वच्छ ईंधन से जोड़ा। ग्रामीण भारत की रसोई अब धुआँ-रहित हो रही है। महिलाओं का समय बच रहा है, स्वास्थ्य सुधर रहा है और बच्चों को भी धुएं से सुरक्षा मिली है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान मिला है।
चुनौतियाँ
- गरीब परिवारों के लिए लगातार सिलेंडर भरवाना आर्थिक रूप से कठिन होता है।
- कुछ ग्रामीण इलाकों में गैस वितरण की पहुँच अभी भी सीमित है।
- जागरूकता की कमी से कई लाभार्थी योजना का पूरा लाभ नहीं ले पाते।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 ने भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। हालांकि, सिलेंडर की कीमत और रीफिल की लागत जैसी चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। यदि इन समस्याओं पर ध्यान दिया जाए, तो यह योजना ग्रामीण भारत को पूरी तरह धुआँ-रहित और स्वस्थ रसोई की दिशा में ले जाएगी।