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दिवाली फराळ की पारंपरिक मिठाई – मोदक (Modak)

मोदक दिवाली और गणेश चतुर्थी की पारंपरिक मिठाई है। यह खासकर महाराष्ट्र में बहुत लोकप्रिय है। भाप में या तली हुई मोदक में खोया, नारियल और गुड़ का मिश्रण होता है। यह बच्चों और बड़ों दोनों को बहुत पसंद आती है और दिवाली फराळ में शामिल की जाती है।

मोदक क्या है?

मोदक एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जिसे खासतौर पर गणेश जी को भोग लगाने के लिए तैयार किया जाता है। यह खमीर या मैदा के आटे की खोल में नारियल और गुड़ का भरावन डालकर बनाया जाता है। भाप में पकाए जाने पर मोदक नरम और स्वादिष्ट बनते हैं।

सामग्री (Ingredients)

मोदक का आटा:

  • चावल का आटा – 1 कप
  • पानी – 1 ¼ कप
  • घी – 1 चम्मच
  • नमक – चुटकीभर

भरावन (Filling):

  • गुड़ – ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • नारियल – ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
  • काजू / पिस्ता – 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)

मोदक बनाने की विधि (Step by Step Recipe)

  1. भरावन तैयार करना: एक पैन में नारियल और गुड़ डालकर हल्की आंच पर पकाएँ। इसमें इलायची पाउडर और काजू मिलाएँ। ठंडा होने दें।
  2. आटा गूथना: पानी में घी और नमक डालकर उबालें। इसमें चावल का आटा मिलाएँ और आटा गूथ लें। इसे हल्का ठंडा होने दें ताकि मोदक के लिए तैयार हो जाए।
  3. मोदक का आकार देना: आटे से छोटे लोई बनाएं और बेलकर इसमें नारियल-गुड़ का भरावन रखें। मोदक के पारंपरिक शेल्फ आकार में मोड़ें।
  4. भाप में पकाना: एक स्टीमर में पानी उबालें और मोदक को 10–12 मिनट तक भाप में पकाएँ। मोदक नरम और स्वादिष्ट हो जाएंगे।
  5. सर्व करना: मोदक को हल्का ठंडा करें और दिवाली बास्केट में सजाएँ।

सर्व करने के तरीके

मोदक को भाप में पकाने के बाद हल्का ठंडा करके परोसें। यह मिठाई बच्चों और बड़ों दोनों के लिए परफेक्ट है। आप चाहें तो इसे हल्का तला हुआ भी बना सकते हैं।

प्रो टिप्स (Pro Tips)

  • भरावन पूरी तरह से गीला नहीं होना चाहिए, हल्का सुक्खा मिश्रण बेहतर रहता है।
  • आटा गूथते समय पानी का सही अनुपात रखें, ज्यादा नरम या सख्त न हो।
  • मोदक को भाप में पकाते समय ध्यान रखें कि वे अलग न हों।

स्वाद में विविधता (Variations)

आप मोदक में ड्राय फ्रूट्स, केसर या हल्की इलायची का फ्लेवर डालकर स्वाद बदल सकते हैं। कुछ लोग तला हुआ मोदक भी पसंद करते हैं जो कुरकुरीत बनती है।

सांस्कृतिक महत्व

मोदक महाराष्ट्र और अन्य जगहों में गणेश चतुर्थी और दिवाली में पारंपरिक मिठाई के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। इसे घर में बनाना और परिवार के साथ बांटना सांस्कृतिक और पारिवारिक आनंद बढ़ाता है।

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