रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) एक ऐसी निवेश योजना है, जिसमें आपको हर महीने एक निश्चित राशि बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करनी होती है। तय समय पूरा होने पर आपको जमा पूंजी और ब्याज दोनों मिलते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करके भविष्य के लिए फंड बनाना चाहते हैं।
RD की मुख्य विशेषताएँ
- मासिक जमा: हर महीने निश्चित राशि जमा करनी होती है।
- फिक्स्ड ब्याज दर: RD पर मिलने वाला ब्याज निश्चित होता है।
- लॉक-इन अवधि: RD की अवधि 6 महीने से 10 साल तक हो सकती है।
- लोन सुविधा: RD के बदले आप बैंक से लोन ले सकते हैं।
RD के फायदे
- नियमित बचत: हर महीने छोटी राशि जमा करके बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है।
- सुरक्षित निवेश: RD में पैसा सुरक्षित रहता है, मार्केट रिस्क नहीं होता।
- गारंटीड रिटर्न: तय ब्याज दर के हिसाब से आपको निश्चित रिटर्न मिलता है।
- छोटे निवेशकों के लिए बेहतर: कम आय वाले लोग भी आसानी से RD में निवेश कर सकते हैं।
RD कैसे काम करता है?
मान लीजिए आप ₹2000 प्रति माह 5 साल के लिए 7% ब्याज दर पर RD में निवेश करते हैं। 5 साल बाद आपके पास लगभग ₹1,44,000 होंगे, जिसमें आपकी जमा राशि और ब्याज दोनों शामिल होंगे।
RD की कमियाँ
- RD पर ब्याज दर FD या अन्य निवेश योजनाओं की तुलना में कम हो सकती है।
- समय से पहले RD तोड़ने पर पेनल्टी लग सकती है।
- महंगाई (Inflation) के मुकाबले रिटर्न कम हो सकता है।
RD के प्रकार
- रेगुलर RD: आम निवेशकों के लिए, मासिक जमा।
- सीनियर सिटीजन RD: बुजुर्गों को ज्यादा ब्याज मिलता है।
- फ्लेक्सी RD: इसमें आप न्यूनतम राशि तय करके कभी भी अतिरिक्त राशि जमा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) उन लोगों के लिए एक शानदार निवेश विकल्प है, जिनकी आय नियमित है और जो हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करके भविष्य में एक बड़ी रकम पाना चाहते हैं। यह सुरक्षित, गारंटीड और अनुशासित निवेश का तरीका है।