योगी आदित्यनाथ जी (जन्म नाम अजय मोहन बिष्ट) भारत के प्रमुख राजनेताओं में से एक हैं। वे उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री और गोरखपुर के प्रसिद्ध
गोरखनाथ मठ के महंत हैं। अपनी सादगी, कठोर अनुशासन, प्रशासनिक दृढ़ता और हिंदुत्व विचारधारा के कारण योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली और विवादित दोनों व्यक्तित्व माने जाते हैं।
उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक निवेश और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

प्रारंभिक जीवन और परिवार

योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचुर गांव में हुआ था। उनके पिता
आनंद सिंह बिष्ट एक वन विभाग के अधिकारी थे और माता सावित्री देवी गृहिणी थीं। योगी सात भाई-बहनों में से एक हैं।
बचपन से ही उनमें आध्यात्मिकता, अनुशासन और देशभक्ति की झलक दिखाई देती थी। विद्यालय जीवन में वे विज्ञान और गणित में विशेष रुचि रखते थे और
आगे चलकर उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक (B.Sc.) की उपाधि प्राप्त की।

आध्यात्मिक यात्रा और गोरखनाथ मठ से जुड़ाव

स्नातक शिक्षा पूर्ण करने के बाद अजय मोहन बिष्ट का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ा। इसी दौरान उनकी मुलाकात गोरखपुर के प्रसिद्ध संत
महंत अवैद्यनाथ से हुई, जो गोरखनाथ मठ के प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक प्रमुख नेता थे।
महंत अवैद्यनाथ के मार्गदर्शन में उन्होंने सन्यास ले लिया और अपना नया नाम योगी आदित्यनाथ रखा।
उन्होंने नाथ संप्रदाय की परंपराओं का पालन करते हुए अपना जीवन सेवा, साधना और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया।

2014 में महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मठ का महंत घोषित किया गया।
मठ के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और गौ-सेवा से संबंधित कई सामाजिक संस्थाएँ स्थापित कीं। मठ परिसर में निःशुल्क चिकित्सालय, विद्यालय और धर्मशालाएँ
संचालित होती हैं, जिनका लाभ हजारों लोग प्रतिदिन उठाते हैं।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत

महंत अवैद्यनाथ स्वयं भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा सांसद रह चुके थे। उनके आशीर्वाद से योगी आदित्यनाथ ने 1998 में राजनीति में कदम रखा।
मात्र 26 वर्ष की आयु में वे गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए — उस समय वे भारत के सबसे युवा सांसदों में से एक थे।
इसके बाद उन्होंने 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में लगातार पांच बार जीत हासिल की।

संसद में अपने भाषणों और कार्यों से उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर आवाज दी।
वे अपने मजबूत संगठन, अनुशासन और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में उन्होंने सड़क, शिक्षा, और चिकित्सा सुविधाओं का
व्यापक विकास कराया।

मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत मिला।
पार्टी नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को राज्य का 21वाँ मुख्यमंत्री नियुक्त किया। उनके नेतृत्व में प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।

योगी सरकार ने “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई और अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए। परिणामस्वरूप संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क पर प्रभावी लगाम लगी।
साथ ही, प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा हेतु एंटी-रोमियो स्क्वाड और महिला हेल्पलाइन जैसी योजनाएँ शुरू कीं।

2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने फिर से पूर्ण बहुमत प्राप्त किया, और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने।
इस प्रकार वे उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने अपना पाँच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा पदभार संभाला।

विकास कार्य और योजनाएँ

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को “डबल इंजन” सरकार के रूप में प्रस्तुत करते हुए औद्योगिक विकास और आधारभूत संरचना पर विशेष ध्यान दिया।
उनकी कुछ प्रमुख योजनाएँ और परियोजनाएँ इस प्रकार हैं:

  • एक्सप्रेसवे परियोजनाएँ: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे जैसे विशाल मार्ग निर्माण से कनेक्टिविटी में भारी सुधार।
  • धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजनाएँ: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर और प्रयागराज कुंभ मेले का सफल आयोजन।
  • निवेश प्रोत्साहन: “UP Global Investors Summit” के माध्यम से राज्य में हजारों करोड़ का निवेश आकर्षित करना।
  • महिला एवं किसान कल्याण: किसान सम्मान निधि, कन्या सुमंगला योजना, और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं से सामाजिक उत्थान।
  • शिक्षा एवं स्वास्थ्य: विद्यालयों का नवीनीकरण, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार।

विचारधारा और नेतृत्व शैली

योगी आदित्यनाथ अपनी कठोर प्रशासनिक नीति और हिंदुत्व आधारित वैचारिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं।
वे मानते हैं कि विकास और सांस्कृतिक गौरव दोनों एक साथ चल सकते हैं। उन्होंने राज्य में धार्मिक आयोजनों को पर्यटन और रोजगार से जोड़कर नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

व्यक्तिगत जीवन में वे पूर्णतः ब्रह्मचारी हैं, सादगी पसंद करते हैं और अनुशासित जीवन जीते हैं। उन्हें सुबह जल्दी उठने, योगाभ्यास, पूजा-अर्चना और कार्यालय कार्य के लिए जाना जाता है।

विवाद और आलोचनाएँ

योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक जीवन विवादों से अछूता नहीं रहा। उनकी तीखी बयानबाज़ी और हिंदुत्व केंद्रित रुख को लेकर विपक्ष अक्सर उन्हें निशाना बनाता रहा है।
हालांकि, समर्थकों का कहना है कि उनका स्पष्ट और ईमानदार दृष्टिकोण ही उनकी ताकत है।
योगी स्वयं कहते हैं कि “मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है, और किसी भी निर्णय का उद्देश्य जनता की भलाई होना चाहिए।”

मुख्य उपलब्धियाँ

  • उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने पूर्ण पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार पद संभाला।
  • राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति और सड़क-कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार।
  • अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज को विश्वस्तरीय धार्मिक-पर्यटन केंद्रों में विकसित किया।
  • “एक जिला, एक उत्पाद” (ODOP) योजना के माध्यम से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा।
  • राज्य में 500 से अधिक मेडिकल कॉलेज/स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और रोजगार सृजन योजनाएँ।

व्यक्तिगत जीवन और व्यक्तित्व

योगी आदित्यनाथ एक धार्मिक व्यक्ति हैं जो सादगी, संयम और राष्ट्रसेवा को अपने जीवन का उद्देश्य मानते हैं।
वे ब्रह्मचारी जीवन जीते हैं और व्यक्तिगत संपत्ति या परिवार से दूर रहते हुए समाज सेवा में समर्पित हैं।
वे गोरखनाथ मठ से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधार के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ की विरासत

योगी आदित्यनाथ ने न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति को नई दिशा दी है, बल्कि भारतीय राजनीति में “संत-राजनीतिज्ञ” की परंपरा को भी पुनर्जीवित किया है।
उनकी लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि जनता उनके नेतृत्व में राज्य के भविष्य को उज्ज्वल मानती है।
उनकी नीतियाँ, चाहे विकास की हों या धर्म-संस्कृति से जुड़ी, दोनों ही राज्य के समग्र परिवर्तन की दिशा में कदम हैं।

निष्कर्ष

योगी आदित्यनाथ का जीवन आध्यात्मिकता, राष्ट्रभक्ति और दृढ़ संकल्प का अद्भुत संगम है।
उन्होंने अपने कर्म, सादगी और नेतृत्व से उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिलाई है।
आज वे भारत के उन नेताओं में गिने जाते हैं जो व्यवस्था-सुधार, सुरक्षा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

लेख स्रोत: सार्वजनिक उपलब्ध जानकारी, सरकारी रिपोर्ट्स एवं समाचार माध्यमों से संकलित।

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