नोबेल शांति पुरस्कार विश्व का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। इस लेख में हम इसके इतिहास, चयन प्रक्रिया, प्रमुख विजेताओं और विशेष रूप से 2025 के विजेता के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही आज की ताज़ा ख़बरों का एक संक्षिप्त संकलन भी प्रस्तुत करेंगे।
1. नोबेल शांति पुरस्कार: इतिहास एवं उद्देश्य
स्वीडन के वैज्ञानिक **अल्फ्रेड नोबेल** ने 1895 में अपनी वसीयत में अपनी संपत्ति का एक हिस्सा इस उद्देश्य से विभाजित किया कि उसमें से ऐसे लोगों या संस्थाओं को पुरस्कार दिया जाए जिन्होंने मानवता के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया हो।
इस वसीयत के अनुसार, यह पुरस्कार “उन लोगों को जो मानवता को सबसे बड़ा लाभ पहुँचाएँ” को दिया जाना है।
इनका उद्देश्य है — शांति, अहिंसा, मानवाधिकार, न्याय और लोकतंत्र को बढ़ावा देना।
2. चयन प्रक्रिया और संचालन
शांति पुरस्कार अन्य नोबेल पुरस्कारों से अलग है — इसे नॉर्वे में दिया जाता है। इसके पीछे यह तर्क है कि शांति एक अंतरराष्ट्रीय विषय है, इसलिए इसे नॉर्वे की **नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी** द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
कुछ मुख्य बिंदु:
- नामांकन आमतौर पर जनवरी माह में बंद हो जाते हैं।
- 2025 में कुल **338 नामांकन** हुए — जिसमें 244 व्यक्ति और 94 संस्थाएँ शामिल थीं।
(सूत्र: नोबेल प्रेस विज्ञप्ति) - निर्णय लेने से पहले समिति विशेषज्ञों से परामर्श लेती है और नामांकितों का मूल्यांकन करती है।
- नामांकनों की जानकारी 50 वर्ष बाद ही सार्वजनिक होती है।
3. इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण विजेता
- मार्टिन लूथर किंग जूनियर (1964) — नस्लीय भेदभाव के विरोध में संघर्ष।
- नेल्सन मंडेला और फ्रेडरिक डी क्लार्क (1993) — दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की समाप्ति।
- मदर टेरेसा (1979) — मानव सेवा एवं करुणा।
- मलाला यूसुफजई (2014) — बालिका शिक्षा का अधिकार।
- कैलाश सत्यार्थी (2014) — बाल श्रम और बच्चों के अधिकार।
4. 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार और विजेता
🏅 विजेता: María Corina Machado (वेनेज़ुएला)
10 अक्टूबर 2025 को, नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने **María Corina Machado** को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का निर्णय किया।
कमेटी ने कहा है कि उन्हें यह सम्मान उन कार्यों के लिए दिया गया है जिनमें उन्होंने वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों का समर्थन किया है और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण संक्रमण की मांग की है।
उनका राजनीति विरोधी आंदोलन पहले विभाजित था, जिसे उन्होंने एकजुट किया। उन्होंने सदैव शांति, न्याय और नागरिक स्वतंत्रता की आवाज उठाई।
नामांकन आँकड़े
2025 के लिए कुल 338 नामांकन — 244 व्यक्ति और 94 संस्थाएँ।
प्राप्तियाँ और चुनौतियाँ
मारिआ को यह पुरस्कार मिलने से उनकी आवाज़ और आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। लेकिन उनकी स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वे अपने देश में खतरों से जूझ रही हैं।
5. पुरस्कार की राशि और अन्य लाभ
2025 में यह पुरस्कार **11.1 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK)** की राशि के साथ आएगा।
विजेता को इसके साथ एक **स्वर्ण पदक** और **प्रमाणपत्र (Diploma)** भी प्राप्त होगा।
6. आज की ताज़ा समाचार
📰 मुख्य समाचार — 10 अक्टूबर 2025
- मारिआ को नोबेल शांति पुरस्कार मिला — उन्हें लोकतांतर, मानव अधिकारों एवं शांतिपूर्ण बदलाव के लिए सम्मानित किया गया है।
- उन्हों ने यह पुरस्कार वेनेज़ुएला के लोगों और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समर्पित किया।
- व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति की आलोचना की और कहा कि उन्होंने “राजनीति को शांति से ऊपर रखा” है।
- ट्रम्प का दावा है कि उन्हें भी यह पुरस्कार मिलना चाहिए था, लेकिन इस बार वह इस पुरस्कार को नहीं जीत पाए।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मारिआ को बधाई दी है और लोकतंत्र की रक्षा के प्रयासों को समर्थन दिया है।
7. निष्कर्ष
2025 के नोबेल शांति पुरस्कार से यह स्पष्ट हो गया है कि लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं शांतिपूर्ण संघर्ष आज भी विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मारिआ को यह पुरस्कार केवल व्यक्तिगत गौरव नहीं, बल्कि लाखों वेनेज़ुएला वासियों के संघर्ष और उम्मीद का प्रतीक है।
यह पुरस्कार यह बताता है कि **शांति का मार्ग आसान नहीं**, लेकिन यदि हम साहस, एकता और धैर्य से काम करें तो यह संभव है।